एक तरफ बगदादी के गुर्गे उन नरमुंडों को ढूंढने में लगे हुए थे जिससे संकटासूर की ताकत वापिस आ सकती थी और दूसरी तरफ दुनियाँ के कुछ हिस्सों में हुई कुछ रहस्मयी घटनाओ ने लोगों में एक अलग ही खौफ भर दिया था ! ऐसे में भला विजय विकास कहाँ चुप रहने वाला था, अंजाम क्या हुआ जानने के लिए अवश्य पढ़े !
शापित राक्षस ( भाग - 5 )लेखक - राम कुमार महतो & संजय वर्मा
भाषा - हिंदी
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